Ajay Devgn Shaitaan Movie Review In Hindi : बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अजय देवगन की फिल्मों को लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं उन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है हाल ही में उनकी नई फिल्म शैतान रिलीज हुई है जिसने आते ही थिएटर पर धमाल मचा दिया है आपको बता दें कि काला जादू, वशीकरण… ये नाम सुनते ही मन में कई सवाल उठ खड़े होते हैं. क्या वाकई आज के समय में भी इन चीजों को मानना चाहिए? ये सवाल बहुत से लोग पूछ रहे हैं. इसी कड़ी में सिनेमाघरों में आई है फिल्म “शैतान”, जो काले जादू पर बनी है. एक खुशहाल परिवार की जिंदगी सिर्फ काले जादू की वजह से परेशान हो जाती है. वैसे तो जिन्हें इन बातों पर यकीन नहीं है, उनके लिए ये फिल्म थ्रिलर से ज्यादा कॉमेडी लग सकती है, लेकिन अगर इसे सिर्फ फिल्म के तौर पर भी देखें, तो कई चीजें खटकती हैं ।
आखिर क्या है फिल्म शैतान की कहानी?
इस फिल्म की कहानी कबीर के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. कबीर, ज्योति और उनके दो बच्चे छुट्टियां मनाने के लिए फार्महाउस जाते हैं. रास्ते में उनकी मुलाकात वनराज नाम के एक शख्स से होती है. ये कहानी का टर्निंग पॉइंट है – वनराज किसी तरह कबीर को अपने जाल में फंसा लेता है, जिसका असर कबीर की बेटी जान्हवी पर पड़ता है. अब जान्हवी का व्यवहार वनराज जैसा ही होने लगता है ।
शैतान मूवी स्टार कास्ट प्रदर्शन :
आपको बता दें कि इस फिल्म के हीरो भले ही अजय देवगन है, मगर फिल्म देखने के बाद सिर्फ आर. माधवन की एक्टिंग याद रहती है. फिल्म में विलेन का किरदार हीरो पर हावी नजर आता है, माधवन का गुस्सा और दमदार अंदाज फिल्म की जान है. उनका डायलॉग “अहं ब्रह्मास्मि” सुनते ही सिनेमाघरों में तालियां और सीटियां गूंज उठती हैं. इस फिल्म में माधवन ने अपने चॉकलेट बॉय वाले इमेज को पूरी तरह से तोड़ दिया है. वहीं अजय देवगन, ज्योतिका, जानकी बॉडीवाला (झांवी) और अंगद राहजन (ध्रुव) ने भी अपने किरदारों को बखूबी निभाया है, लेकिन दर्शकों को सिर्फ माधवन का ही दमदार एक्टिंग याद रहती है ।
Shaitan Movie का जबरदस्त क्लायमॅक्स
फिल्म का क्लायमॅक्स आपको सीट से चिपकाए रखेगा! जिस लोकेशन पर ये आखिरी सीन फिल्माया गया है वो अपने आप में कमाल का है, और उस पर कलाकारों की धांसू एक्टिंग ने तो चार चांद लगा दिए हैं.
Ajay Devgn Shaitaan Movie Review In Hindi – दर्शकों को कैसी लगी अजय देवगन की ‘शैतान’
शैतान थोड़ी धीमी फिल्म है. पहला हिस्सा कबीर के परिवार को जमने में ही निकल जाता है. राहुल माधवन की एंट्री के बाद थोड़ी रफ्तार आती है, मगर अजय देवगन का अंत में मोनोलॉग थोड़ा खींचतान वाला लगता है. अगर आपने सिर्फ ट्रेलर देखकर फिल्म देखने का प्लान बनाया है तो थोड़ी निराशा हो सकती है.
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